sábado, 2 de agosto de 2014

हीरा

हीरा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
कोहिनूर की काँच प्रति
कोहिनूर की एक और प्रति
हीरों की आकृतियां
हीरा एक पारदर्शी रत्न है। यह रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है। हीरा में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़ा रहता है। कार्बन परमाणुओं के बाहरी कक्ष में उपस्थित सभी चारों इलेक्ट्रान सह-संयोजी बन्ध में भाग ले लेते हैं तथा एक भी इलेक्ट्रान संवतंत्र नहीं होता है। इसलिए हीरा ऊष्मा तथा विद्युत का कुचालन होता है। हीरा में सभी कार्बन परमाणु बहुत ही शक्तिशाली सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़े होते हैं, इसलिए यह बहुत कठोर होता है। हीरा प्राक्रतिक पदार्थो में सबसे कठोर पदा‍र्थ है इसकी कठोरता के कारण इसका प्रयोग कई उद्योगो तथा आभूषणों में किया जाता है। हीरे केवल सफ़ेद ही नहीं होते अशुद्धियों के कारण इसका शेड नीला, लाल, संतरा, पीला, हराकाला होता है। हरा हीरा सबसे दुर्लभ है। हीरे को यदि ओवन में ७६३ डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाये, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है तथा बिल्कूल ही राख नहीं बचती है।[1] इससे यह प्रमाणित होता है कि हीरा कार्बन का शुद्ध रूप है। हीरा रासायनिक तौर पर बहुत निष्क्रिय होता है एव सभी घोलकों में अघुलनशील होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व ३.५१ होता है। बहुत अधिक चमक होने के कारण हीरा को जवाहरात के रूप में उपयोग किया जाता है। हीरा उष्मीय किरणों के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होता है, इसलिए अतिशुद्ध थर्मामीटर बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। काले हीरे का उपयोग काँच काटने, दूसरे हीरे के काटने, हीरे पर पालिश करने तथा चट्टानों में छेद करने के लिए किया जाता है।

दुर्लभ हीरे

हीरा खान से निकाला जाता है और बाद में पॉलिश कर के चमकाया जाता है। १८वीं शताब्दी में दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में हीरों की खानों का पता चलने से पहले तक दुनिया भर में भारत की गोलकुंडा खान से निकले हीरों की धाक थी।[2] लेकिन यहाँ से निकले अधिकांश भारतीय हीरे या तो लापता हैं या विदेशी संग्रहालयों की शोभा बढ़ा रहे हैं। इनमें से एक हीरा ब्रिटेन की महारानी के ताज में जड़ा कोहिनूर भी है। सबसे अधिक वजन वाला हीरा ग्रेट मुगल गोलकुंडा की खान से १६५० में जब निकला तो इसका वजन ७८७ कैरेट था। जो कोहिनूर से करीब छह गुना अधिक था[3] आज यह हीरा आज कहाँ है किसी को पता नहीं। ऐसा ही एक बहुमूल्य हीरा अहमदाबाद डायमंड था जो बाबर ने १५२६ में पानीपत की लड़ाई के बाद ग्वालियर के राजा विक्रमजीत को हराकर हासिल किया था। इस दुर्लभ हीरे को आखिरी बार १९९० में लंदन के क्रिस्ले ऑक्सन हाउस की नीलामी में देखा गया था। द रिजेंट नामक १७०२ के आसपास गोलकुंडा की खान से निकला हीरा ४१० कैरेट था। जो बाद में नेपोलियन के पास पहुँचा। यह हीरा अब १४० कैरेट का हो चुका है और पेरिस के लेवोरे म्यूजियम में रखा गया है। इसी प्रकार ब्रोलिटी ऑफ इंडिया का। ९०.८ कैरेट के ब्रोलिटी जिसे कोहिनूर से भी पुराना बताया जाता है, १२वीं शताब्दी में फ्रांस की महारानी ने खरीदा। आज यह कहाँ है कोई नहीं जानता। एक और गुमनाम हीरा २०० कैरेट का ओरलोव था जिसे १८वीं शताब्दी में मैसूर के मंदिर की एक मूर्ति की आंख से फ्रांस के व्यापारी ने चुराया था। कुछ गुमनाम भारतीय हीरे: ग्रेट मुगल (२८० कैरेट), ओरलोव (२०० कैरेट), द रिजेंट (१४० कैरेट), ब्रोलिटी ऑफ इंडिया(९०.८ कैरेट), अहमदाबाद डायमंड (७८.८ कैरेट), द ब्लू होप (४५.५२ कैरेट), आगरा डायमंड (३२.२ कैरेट), द नेपाल (७८.४१)
हीरे का कारोबार करने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी डी बियर्स की सहयोगी इकाई डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (डीटीसी) के मुताबिक दुनिया के ९० फीसदी हीरों के तराशने का काम भारत में होता है, ऐसे में यहाँ हीरा उद्योग के फलने-फूलने की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं।[4]

संदर्भ

  1. "भगवान का आंसू है हीरा" (एएसपीएक्स). प्रभात खबर. अभिगमन तिथि: २००९.
  2. "भगवान का आंसू है हीरा" (एएसपीएक्स). दैनिक भास्कर. अभिगमन तिथि: २००९.
  3. "मुगल डायमंडः रॉयल डायमंड" (एएसपीएक्स). नवभारत टाइम्स. अभिगमन तिथि: २००९.
  4. "हीरा उद्योग में बढ़ेगी भारत की चमक" (एएसपीएक्स). webduniya हिन्दी. अभिगमन तिथि: २००९.

बाहरी कड़ियां

钻石

钻石

鑽石
基本資料
類別 自然元素
化學式 - C
性質
分子量 12.01 u
顏色 黃、褐、灰至無色。
少見藍、綠、黑、紫、橘、紅色等[1]
晶体惯态 八面體
晶系 等軸晶系
解理 {111}完全解理
斷口 貝殼狀
硬度 10[1]
光澤 金剛石光澤[1]
條痕 白色
透明性 透明至微透明
比重 3.52 (+/- .01)[1]
密度 3.5 - 3.53g/cm³
拋磨光澤 金剛石光澤[1]
折射率 2.4175–2.4178
雙折射 [1]
多色性 [1]
色散率 0.044[1]
熔點 常压下升华或发生相变
鑽石英文Diamond),化学和工业中称为金剛石。金剛石是元素组成的無色晶体,為目前已知自然存在最硬物質。鑽石的強度是建立在其三維有序的排列,而最重要的關鍵是在其能夠讓每一個方向都有能夠承受應力作用的共價性鍵結,這四個以正四面體尖角方位分佈的共價鍵,搭配其適當的鍵結強度,剛剛好將碳原子穩穩的固定在位置上。

化学性质

鑽石的正八面體晶體結構
被开采出来的天然金刚石晶体
晶体中每个碳原子都以sp3杂化轨道与另外4个相邻的碳原子形成共价键,每四个相邻的碳原子均构成正四面体。晶体类型为立方面心,因此未经琢磨过的晶体外形往往为正八面體。金剛石中的C-C键很强,所有的价电子都参与了共价键的形成,没有自由电子,所以金剛石硬度非常大,不导熔点在华氏6900度。金剛石在纯氧中燃点为720~800℃,在空气中为850~1000℃。在工业上,金剛石主要用于制造钻探用的探头和磨削工具。形状完整的金刚石经过打磨,称为钻石,可用于制造高档饰品,价格昂贵。
碳有三种已知的同素异形体:金刚石、石墨富勒烯。在热力学上,金刚石和稳定性低于石墨,可自发转变为石墨,但常温常压下这一转变的速度很慢,可以忽略不计,因此钻石得以稳定存在。自然界形成的金刚石一般形成于地球内部高温高压的环境,后来被火山喷发等地质构造运动带到地表,因此许多金刚石发现在火山附近。现代工业可在高温高压下生产金刚石,称为合成金刚石。

物理性质

金剛石的莫氏硬度为10;由于硬度最高,钻石的切削和加工必须使用金剛石粉或激光(比如532nm或者1064nm波长激光)来进行。金剛石的密度为3.52g/cm3折射率为2.417(在500纳米光波下),色散率为0.044。

工業用途

由於金剛石的硬度極高且導熱性極高,科學家會利用高溫高壓制成金剛石微粒,用於沙紙、钻探、研磨工具之上,可以用来切削和刻画其他物质,以及大型積體電路等散熱板上。

觀賞用途

金剛石由於折射率高,在燈光下顯得閃閃生輝,稱作鑽石。巨型的美鑽往往價值連城。當鑽石帶有藍、綠或粉紅色屬十分罕有,而顏色深而鮮豔則價錢更高;目前最昂貴的有色鑽石,要屬帶有濃豔紅色的鑽石。
钻石分为一型和二型两种,这主要是根据它是否含有N元素:一型含;二型不含。而蓝色的钻石是二B型的,是半导体

釐定的標準

Diamond production map
傳統釐定鑽石價值高低的標準是「4C」制度,即卡、色澤、淨度、和切割。

卡,或譯克拉、卡拉(Carat),是鑽石的質量單位。一卡相等於200毫克,相传早期钻石商人称量钻石所用的砝码为稻子豆树(carob)果实,一粒这样的果实大约就重200毫克。因為鑽石的密度基本上相同,因此越重的鑽石體積越大。越大的鑽石越稀有,每卡的價值亦越高。下表為2005年時的價格比較。
每卡價值(美元 總值
0.5卡 3,000 1,500
1.0卡 5,000 5,000
1.5卡 7,000 10,500
2.0卡 10,000 20,000
3.0卡 15,000 45,000
5.0卡 20,000 100,000

淨度(Clarity)

淨度以鑽石內的內含物多少決定。內含物可能是天然的雜質或裂痕。內含物的數量、位置、大小等都會影響評級。鑽石礦開採出來的金剛石中,只有20%可 以成為寶石,其餘的因為內含物較多通常只能作工業用途。而20%~40%的寶石級鑽石中,大部分都包含肉眼可见的內含物。在此級別以上的鑽石較為大眾喜 愛。至於屬完美級別的鑽石更為罕有,被稱為「博物館級」鑽石。通常使用10倍放大镜观察钻石内部及表面內含物的大小、数量、分布及对钻石光彩影响的程度,分出等级。一般通行的淨度分級如下:
  • FL - “Flawless”,完美無瑕。在十倍放大鏡下內外俱無內含物。
  • IF - “Internally Flawless”,內部無瑕。在十倍放大鏡下只有表面有輕微花痕。
  • VVS1, VVS2 - “Very Very Slight”,非常非常小。在十倍放大鏡下只有很難看見的內含物。VVS1淨度高於VVS2。
  • VS1 and VS2 - “Very Slight”,非常小。在十倍放大鏡下可看見內含物,但肉眼難以辨認。VS1淨度高於VS2。
  • SI1 and SI2 - “Slight Inclusions”,小型內含物,肉眼可能看見。
  • I1, I2 and I3 - “Imperfect”,清楚的內含物,可以被肉眼看見。
現代科技之下,有些鑽石的內含物是可以修補的。不過修補過的鑽石的價值會稍低。

色澤(Colour)

鑽石的色澤會因為化學上的雜質而有所偏差。完全純正的鑽石應該是透明無色的。鑽石偏向不同的顏色會影響它的價值。絕大部分的鑽石都是因為帶有氮原子而偏黃。白鑽越偏黃,價值便越低。但是偏粉紅或藍的鑽石價格卻較高。顏色強烈偏向粉紅或藍的鑽石可能是價值連城。
一般的方法是把鑽石按偏黃的程度分為不同的等級,把样品与已知色级的比色石对比确定,以D級最高,Z最低。
  • 無色:D, E, F
  • 接近無色:G, H, I, J
  • 微黃:K, L, M
  • 輕淺黃:N, O, P, Q, R
  • 淺黃:S, T, U, V, W, X, Y, Z
在考慮鑽石色澤時,同時也應將螢光反應考慮在內,螢光反應是指鑽石曝露於紫外線光線下時,所發生的反應顏色光。但是螢光反應甚少對鑽石的價值發生影 響,除非是具有非常強烈螢光的鑽石會影響其透明度及光彩,而產生油濛狀的外表,如此將減損鑽石的美麗及價值,但是若其螢光不至使鑽石產生油濛狀外觀,則不 應將其視為一種缺點。
螢光反應其強弱分為1. NONE 2. FAINT 3. MEDIUM 4. STRONG 5. VERY STRONG五級。[2]
鑽石顏色分級表[3]
GIA 狀態: 現在 AGS 状态: 现在 AGS 狀態: 歷史:1995年前 CIBJO狀態: 現在 IDC 狀態: 現在 Scan. D.N. 狀態: 現在 Old World Terms 狀態: 歷史
分級及描述[4] 分級及電子色表[5] 分級及電子色表[5] 分級[6] 分級及描述[6] 50克拉或以上的分級[7] 50克拉以下的分級 series 1 scale[6] series 2 scale[6]
D 無色 0 0 - 0.49 0 0 - 0.75 Exceptional white + Exceptional white + 無色 River 白色 Finest White Jager
E 0.5 0.5 - 0.99 Exceptional white Exceptional white River
1 0.76 - 1.35
F 1.0 1.0 - 1.49 Rare white + Rare white + Colorless when viewed through the crown Top Wesselton Fine White
2 1.36 - 2.00
G 接近無色 1.5 1.5 - 1.99 Rare white Rare white Top Wesselton
H 2.0 2.0 - 2.49 3 2.01 - 2.50 White White Wesselton White Wesselton
I 2.5 2.5 - 2.99 4 2.51 - 3.0 Slightly tinted white Slightly tinted white Slightly colored Top Crystal Slightly tinted white Commercial White Top Crystal
J 3.0 3.0 - 3.49 5 3.01 - 3.75 Crystal Top silver cape Crystal
K 微黃 3.5 3.5 - 3.99 有色白 有色白 Top cape 有色白 Top cape
6 3.76 - 4.5 Silver cape
L 4.0 4.0 - 4.49
M 4.5 4.5 - 4.99 7 4.51 - 5.50 有色1 有色 Slightly colored to colored Cape 有色 Light cape Cape
N 輕淺黃 5.0 5.0 - 5.49 有色2 Low Cape
O 5.5 5.5 - 5.99 8 5.51 - 7.0 淺黃 Cape 輕淺黃
P 6.0 6.0 - 6.49 淺黃
Q 6.5 6.5 - 6.99
R 7.0 7.0 - 7.49 9 7.01 - 8.5
Dark cape
S 淺黃 7.5 7.5 - 7.99 有色3 黃色
T 8.0 8.0 - 8.49
U 8.5 8.5 - 8.99 10 8.51 - 10.00
V 9.0 9.0 - 9.49
W 9.5 9.5 - 9.99
X 10.0 10 + 10+
Y
Z

切割(Cut)

鑽石切割法的演進
切割指金剛石是如何從原先開採的石礦中切割成寶石。切割往往是最能影響鑽石的品量及價值的一個指標,但是它卻沒有單一的分級方法。

形狀

未經切割打磨的金刚石並沒有燿燦生輝的光芒。切割的功用是把鑽石割成可以盡量增加光線反射的形狀。鑽石的切磨也因刻面的形狀、數量及其排列方式的不 同,而有不一樣的型式,例如:明亮式「BRILLIANT」、階梯式「STEP」、混合式「MIXED」…………..等等。1919年數學家Marcel Tolkowsky發明了一種切割方法,能令鑽石在上方看來最為生輝。這種切割方法被稱為圓多面型也就是圓形明亮式(Round Brilliant),亦即最為常見的圓形鑽石。這種鑽石一般標準是有五十七个面或五十八个面,三十三面在冠部,二十四个面或二十五个面(即在底尖处再磨 一个面)在腰以下。不屬於這種切割的形狀稱為Fancy Cut,包括有方形、梨形、心形等。
几种常见的切割形式

質素

同級重量、顏色,而切割得宜的鑽石,顯得比切割差的鑽石更為燿燦。判斷切割是否優良,要看鑽石的各種比例,各面是否對稱,各種角度等等。有時鑽石的切割角度相差數度,便會造成截然不同的效果。
切割完的鑽石,往往只有原石的一半重量。為了在鑽石保留最多的重量,或者要避開原石上的雜質,有些鑽石切割時會犧牲完美的切割比例。

國際寶石鑑定

有關于鑽石專有名詞的釋疑

全深百分比「DEPTH%」: 高÷寬(平均直徑)= 全深百分比以寬度為基準(圓形則以平均直徑數為基準)。
桌面百分比「TABLE%」 圓鑽:桌面最長之對角線÷寬(平均直徑) 花式鑽石:桌面寬度÷寬(平均直徑)
腰圍分等「GIRDLE」:腰圍共分為八個等級,一般而言當然以厚薄適中為最理想。
  1. 極薄(EXTERMELY THIN)
  2. 很薄(VERY THIN)
  3. 薄(THIN)
  4. 適中(MEDIUM)
  5. 稍厚(SLIGHTLY THICK)
  6. 厚(THICK)
  7. 很厚(VERY THICK)
  8. 極厚(EXTREMELY THICK)
尖底「CULET」 尖底大小依次分等如下:
  1. 無(POINTED OR NONE)
  2. 很小(VERY SMALL)
  3. 小(SMALL)
  4. 中大(MEDIUM)
  5. 稍大(SLIGHTLY LARGE)
  6. 大(LARGE)
  7. 很大(VERY LARGE)
  8. 極大(EXTREMELY LARGE)
修飾「FINISH」:包括了磨光「POLISH」和對稱「SYMMETRY」 通常以以下五級為評定標準:
  1. 極優(EXCELLENT)
  2. 優良(VERY GOOD)
  3. 良好(GOOD)
  4. 尚可(FAIR)
  5. 不良(POOR)

出產

每年大約130萬克拉(26000千克)的鑽石已被開採,總值接近美元90億美元。每年有100000千克的鑽石被合成。 [8]
大約49%的鑽石來自非洲中部和南部,雖然在加拿大,印度,俄羅斯,巴西和澳大利亞已發現重要來源鑽石礦。它們是從由金伯利岩和鉀鎂煌斑岩 (lamproite)組成的火山管道中開采出來的。地球深處的高溫及高壓使鑽石形成,而這些管道能將鑽石從地下帶到地表。天然鑽石的開採常常是引起衝突 的主題,例如由非洲準軍事部隊販賣的、在戰地開采的衝突鑽石或稱"血鑽"(blood diamonds)。[9] 目前鑽石供應鏈只被部分大公司所控制,並且高度集中於世界少數地區。 2012年9月,俄羅斯宣稱在其境內的波皮蓋隕石坑發現超過全球儲量總和的鑽石礦。

血鑽石

因為血鑽石成為許多原產地國家長期內戰的原因,因此聯合國決議,禁止購買來自內戰國家的鑽石。故「血鑽石」(又稱為衝突鑽石)的交易,有人建議在 「4C」制度提升為「5C」制度,在四個標準下再增加「道德」這個新標準,來證明該鑽石不是用來資助戰爭,以及在設備安全的鑽礦開採,過程中没有僱用童工 或非法外籍勞工。在新制度下,超過一卡的鑽石將附上載有開採鑽礦照片的電腦晶片。

合成钻石

合成钻石试图利用复制高温高压的环境施加于晶种上,人工制造钻石的生长现象。
近年由于钻石的高导热性,合成钻石也望成为取代成为半导体材料大幅加快电子产品性能,许多公司也在研发“钻石电脑”的概念;甚至有人喊出矽谷将改名为钻石谷,日本电报电话公司(NTT)2003年就宣布已经开发出一种工作频率为81GHz执行速度高于先前元件速度两倍的钻石半导体(diamond semiconductor)元件。NTT称这项进展显示着首次能够放大30GHz~300GHz频段的mm波,强化数位电视广播的能力。[10]
20世纪的科技以往只能制造极小的钻石颗粒,附加于沙轮和切割刀上做工业用途,没有珠宝价值,化学气相沉淀法发明后有出现较大颗粒钻石但是多半有杂色泽和杂质,尺寸也还是相对小。
但是毛河光等 人公开发表CVD钻石的研究申请专利后,全世界有百家实验室一窝蜂投入这种CVD(Chemical Vapor Deposition,化学气相沉淀)钻石研发,但因无法突破钻石生长的速度后来纷纷退出,毛河光的实验室则是耗费百万美元不断实验,终于2005年发表 发现了人工钻石迅速长大的秘方,生产出10克拉纯洁钻石一举轰动钻石业界,从此毛河光只表示与多家珠宝厂商洽谈量产应用中,从此深居简出也没有再发表过钻石相关论文、也没有后续生产应用的公开消息,成为学术界一大谜团。[11] 2010年毛河光研究小组的蒙宇飞博士合成出目前世界上最大的CVD无色鑽石,切割後达2.3克拉,外观媲美优质天然鑽石。[12][13]
现主要生產國為美國、俄羅斯、愛爾蘭及南非等。

鑽石保養

鑽石因其成分是碳,所以怕高溫,1克拉的鑽石在一般火災現場(溫度1130度)經過70分鐘後就會完全變成二氧化碳。鑽石雖然堅硬,但若將兩顆鑽石放在一起會互相刮花。因此應將鑽石獨立放在首飾盒 內,避免與其他飾物同時存放。每年可以將您的鑽石首飾拿給珠寶商检查一次,查看鑲託是否松脫與磨損,重新給它固定和擦亮。鑽石對油脂有粘結性,粘上皮膚油 脂、化妝品及廚房油脂的鑽石會失去光澤,因此應每月清洗一次。清洗方法是:將鉑金首飾浸入首飾清洗液中約5分鐘,取齣後用小牙刷輕刷鑽石,再將其放入濾網 上用水衝洗,最後用軟佈吸乾水分。清潔鑽石應該以清水加入少量清潔劑, 浸泡後以軟身的毛刷洗刷鑽石,再以清水沖洗及將水份吸乾。也可以專業鑽石抹布輕輕抹擦鑽石,或到購買之鑽飾店請職員代替清洗。鑽石的碳鍵在紫外線強烈或長 期照射下,會分解,所以應當保存最實在無陽光或紫外線照射的地方。以防鑽石表面出現類似腐蝕的痕跡。洗碗或做粗活時不要珮戴鑽石,鑽石雖然堅硬,但是若依 其紋理方嚮受到重擊可能會有颳損。鑽石應小心避免碰撞或摔落,鑽石雖然硬度最高,但韌性卻相對的小,由高處摔落雖不會碎,但會崩裂。

市場交易模式

鑽石交易須透過特定的機構方能買賣,極具封閉性的市場,現今全球過半數的鑽石原石集中於倫敦的中央統售機構(Central Selling Organization,CSO),全球僅不到百家的看貨商可以向該機構購買。其中知名的鑽石品牌商De beers(其經典廣告詞:鑽石恆久遠,一顆永流傳)[14]則是在此市場擁有龐大的權力,而日本可於中央統售機構看貨的僅有田崎真珠。鑽石原石經過裁切後,再透過鑽石交易所販售後,到達各個通路,再銷售予一般消費者手中。[15]

圖集

相關條目

參考資料

  1. ^ 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 1.7 Gemological Institute of America, GIA Gem Reference Guide 1995, ISBN 0-87311-019-6
  2. ^ http://www.gemtone.com.tw/diam3.htm 鑽石基本知識
  3. ^ Organizations: GIA - Gemological Institute of America, AGI - Antwerpse Gemologische Instelling, AGS - American Gem Society, CIBJO - Confédération International de la Bijouterie, Joaillerie, Orfèvrerie des Diamantes, Perles et Pierres(World Jewellery Confederation),IDC - International Diamond Council, Scan. D.N. - Scandinavian Diamond Nomenclature
  4. ^ Diamond Grading: Lab Manual Gemological Institute of America, Carlsbad, 2004
  5. ^ 5.0 5.1 The AGS Way: Diamond Grading Standards American Gem Society, 1999
  6. ^ 6.0 6.1 6.2 6.3 Pagel-Thielsen, Verena G.G., F.G.A. Diamond Grading ABC: The Manual Rubin & Son n.v., Antwerp, 9th edition, 2001, ISBN 3-9800434-6-0.
  7. ^ Engagement Diamond FAQ
  8. ^ Yarnell, A. The Many Facets of Man-Made Diamonds. Chemical and Engineering News. 2004, 82 (5): 26–31.
  9. ^ Conflict Diamonds. United Nations. 21 March 2001 [2009-05-05].
  10. ^ NTT称钻石半导体应用问世
  11. ^ 超大人工钻石问世
  12. ^ Making multicarat diamond
  13. ^ https://www.gl.ciw.edu/sites/www.gl.ciw.edu/files/users/pwoodard/mengdiamond2012_0.jpg
  14. ^ http://www.debeers.com/
  15. ^ 世界資源真相和你想的不一樣;作者:資源問題研究會

外部链接



Diamante

Diamante


Diamante
Alguns diamantes espalhados demonstram as suas várias facetas refletidas.
Categoria Minerais Nativos
Cor Tipicamente amarelo, marrom ou cinza a incolor. Menos frequente azul, verde, preto, translúcido branco, rosa, violeta, laranja, roxo e vermelho.
Fórmula química C
Propriedades cristalográficas
Sistema cristalino (Cúbico)
Hábito cristalino Octaedro
Propriedades óticas
Transparência Transparente à subtransparente até translúcido
Índice refrativo 2.418 (em 500 nm)
Birrefringência Nenhum
dispersão 0.044
Pleocroísmo Nenhum
Fluorescência ultravioleta Incolor
Propriedades físicas
Polimento Adamantinoa
Peso molecular 12.01 ul=g/mol
Peso específico 3.52 +/- 0.01
Densidade 3.5– g/cm3
Dureza 10
Ponto de fusão Dependente de pressão
Clivagem 111 (perfeito em quatro direções)
Fratura Concoidal
Brilho Adamantino
O diamante é um cristal sob uma forma alotrópica do carbono, de fórmula química C. É a forma termodinamicamente estável do carbono em pressões acima de 60 Kbar. Comercializados como gemas preciosas, os diamantes possuem um alto valor agregado. Normalmente, o diamante cristaliza com estrutura cúbica e pode ser sintetizado industrialmente. Outra forma de cristalização do diamante é a hexagonal, também conhecida como lonsdaleita, menos comum na natureza e com dureza menor (7-8 na escala de Mohs). A característica que difere os diamantes de outras formas alotrópicas, é o fato de cada átomo de carbono estar hibridizado em sp³, e encontrar-se ligado a outros 4 átomos de carbono por meio de ligações covalentes em um arranjo tridimensional tetraédrico. O diamante pode ser convertido em grafite, o alótropo termodinamicamente estável em baixas pressões, aplicando-se temperaturas acima de 1.500 °C sob vácuo ou atmosfera inerte. Em condições ambientes, essa conversão é extremamente lenta, tornando-se negligenciada.
Cristaliza no sistema cúbico, geralmente em cristais com forma octaédrica (8 faces) ou hexaquisoctaédrica (48 faces), frequentemente com superfícies curvas, arredondadas, incolores ou coradas. Os diamantes de cor escura são pouco conhecidos e o seu valor como gema é menor devido ao seu aspecto pouco atrativo. Diferente do que se pensou durante anos, os diamantes não são eternos pois o carbono definha com o tempo, mas os diamantes duram mais que qualquer ser humano.
Sendo carbono puro, o diamante arde quando exposto a uma chama, transformando-se em dióxido de carbono. É solúvel em diversos ácidos e infusível, exceto a altas pressões.
O diamante é o mais duro material de ocorrência natural que se conhece, com uma dureza de 10 (valor máximo da escala de Mohs). Isto significa que não pode ser riscado por nenhum outro mineral ou substância, exceto o próprio diamante, funcionando como um importante material abrasivo. No entanto, é muito frágil, esse fato deve-se à clivagem octaédrica perfeita segundo {111}. Estas duas características fizeram com que o diamante não fosse talhado durante muitos anos. A maior jazida do mundo, revelada pela Rússia ao mundo em 2012, porém de conhecimento do Kremlin desde 1970, é a maior jazida de diamantes que existe atualmente. Com capacidade para suprir diamantes, mesmo para uso industrial, pelos próximos 3 mil anos. A jazida conta com trilhões de quilates, e conta com 10 vezes mais diamantes do que tôdas as jazidas conhecidas existentes no mundo hoje, juntas. Ela situa-se numa cratera com extensão de 62 km entre a região de Krasnoiarsk e da república da Iakútia na Sibéria, Rússia. Tal cratera teve origem há 35 milhões de anos atrás, com a queda de um asteróide, e seus diamantes são duas vezes mais resistentes, duros, do que os encontrados em outro lugares, sua origem é espacial. Tal durabilidade chamou a atenção da indústria, pois é ótimo e de extrema utilidade para confecção de equipamentos da indústria eletrônica e ótica, assim como em equipamentos para perfuração do solo.1 Outras jazidas no mundo são de África do Sul.Outras jazidas importantes situam-se na Rússia (segundo maior produtor) e na Austrália (terceiro maior produtor), entre outras de menor importância.2
A densidade é de 3,48. O brilho é adamantino, derivado do elevadíssimo índice de refracção (2,42). Recorde-se que todos os minerais com índice de refracção maior ou igual a 1,9 possuem este brilho. No entanto, os cristais não cortados podem apresentar um brilho gorduroso. Pode apresentar fluorescência, ou seja, a incidência dos raios ultravioleta produzem luminescência com cores variadas originando colorações azul, rosa, amarela ou verde.

Propriedades

Condutividade elétrica

Alguns diamantes azuis são semicondutores naturais, em contraste com a maioria dos diamantes, que são excelentes isolantes elétricos.3 Substancial condutividade é comumente observada em diamantes não dopados crescidos por deposição química a vapor, podendo ser removida usando certos tratamentos para a superfície.4 5
Mapa dos principais paises produtores no mundo

Outras

Os diamantes são lipofílicos e hidrofóbicos, o que significa que a superfície de um diamante não pode ser molhada por água mas pode facilmente ser molhada e estragada por óleo.6
Sob temperatura ambiente os diamantes não reagem com a maioria dos reagentes químicos, includindo vários tipos de ácidos e álcalis. Assim, ácidos e álcalis podem ser usados para refinar diamantes sintéticos.6

Aplicações, Classificação e Valor

Uma face de um diamante bruto.
Aplicações:
O uso como adorno (gema) é milenar, na Índia era usado para identificar as castas.
Por ter grande índice de refração, é a gema mais brilhante. Por ser a substância mais dura da natureza, "não arranha" e por isso, seu brilho é eterno.
Os diamantes que não tem uso joalheiro terão uso industrial, pois são grandes abrasivos.
O valor da gema diamante (uso joalheiro), como o de todas as coisas, depende da oferta e da procura. Como o diamante é um mineral abundante na natureza, na década de 1950, o Instituto Gemologico Americano (GIA - Gemological Institute of America) criou um padrão de classificação para tornar possível a comercialização do diamante globalmente. Esse padrão foi criado para classificar diamantes da escala de incolores à matizadas (levemente amarelado ou acinzentado), os diamantes coloridos naturalmente são mais raros e possuem classificação diferente.
A classificação GIA para a escala de incolor à matizada é baseada em 4 variáveis, são elas: PESO, COR, PUREZA e LAPIDAÇÃO. Em inglês essas variáveis se chamam Carat, Color, Clarity e Cut, formando assim os 4 C's do Diamante. São esses ítens que tornam um diamante mais valioso que outro.
CLASSIFICAÇÃO
Peso: A unidade de medida para pesar gemas é o Quilate (ct), em inglês Carat, 1 quilate equivale a 0,2 gramas. O preço de um diamante de 2ct é muito maior do que o de dois diamantes de 1ct, pois um diamante de 2ct é muito mais raro. Nessa variável, quanto mais pesado melhor.
Cor: A classificação de cor leva em consideração o tom de cada diamante comparado ao tom de gemas matrizes que são guias de referência criadas pelo GIA. Nessa variável, quanto "mais incolor" melhor. D - E - F - G - H - I - J - K - L - M - N - O - P ... Z
Pureza: A classificação de pureza mensura a quantidade, o tamanho e as cores de inclusões internas e de características da superfície. Convencionou-se que essas características incluidas e superficiais, tem que ser vistas em uma lupa de 10x de aumento. Nesta variável, quanto menos melhor. F - IF - VVS1 - VVS2 - VS1 - VS2 - SI1 - SI2 - I1 - I2 - I3
Lapidação: É a ação do homem para tirar da gema bruta o melhor nessas 3 variáveis anteriores sem comprometer o brilho, o "fogo" e a vida do diamante. A lapidação brilhante é a lapidação mais popular do diamante, a ponto de ser confundida com o próprio nome do mineral diamante. A lapidação brilhante, também conhecida como lapidação completa, foi projetada para que toda a luz que entre na gema seja refletida para cima fazendo com que o diamante brilhe ainda mais. Nesta variável, quanto mais brilho, mais fogo, mais vida melhor. Sem esquecer que o formato da gema também sofre impacto no seu preço pela procura, um diamante brilhante redondo pode ser mais desejado que um diamante triangular.

Talha

Uma vez selecionados, os diamantes são cortados e talham-se ao longo de direções nas quais a dureza é menor. Uma talha bem realizada é aquela que realça o foco, ou seja, o conjunto de reflexos de cores derivados dos reflexos.

Diamantes sintéticos

Atualmente, existe a possibilidade de fazer diamantes sintéticos, submetendo grafite a pressões elevadas. No entanto, o resultado são quase sempre cristais de dimensões reduzidas para poderem ser comercializados como gemas. A chance de adquirir um diamante sintético no lugar de um natural é quase nula, sendo inclusive inferior à possibilidade de encontrar gemas que os comerciantes dizem ser diamante mas que não o são realmente.
A estabilidade térmica do diamante sintético é menor do que o natural, em ambiente oxidativo, como ao ar, o diamante sintético oxida (grafitiza) a temperaturas em torno de 850 °C. Já em atmosfera controlada sua resistência a grafitização é próxima aos 1200 °C.
Embora já em 1880 J. Balentine Hannay, um químico escocês, tivesse produzido minúsculos cristais, só em 1955 cientistas da General Electric Company conseguiram um método eficaz para a síntese de diamantes. Este feito foi creditado a Francis Bundy, Tracy Hall, Herbert M. Strong e Robert H. Wentorf, depois de investigações efetuadas por Percy W. Bridgeman na Universidade de Harvard. Os diamantes assim conseguidos eram de qualidade industrial (não gemológica), sendo hoje em dia produzidos em larga escala. Cristais com a qualidade de pedras preciosas, só se conseguiram sintetizar em 1970 por Strong e Wentorf, num processo que exige pressões e temperaturas extremamente elevadas.

Petrobras retirada da lista das dez mais da América Latina

Petrobras retirada da lista das dez mais da América Latina
O banco Morgan Stanley não mais considera a Petrobras na sua lista das dez mais da América Latina.

O motivo que o banco alega é que a Petrobras subiu muito desde março, superando as ações das outras latino-americanas em 38%.

Esse fenômeno tira, segundo o banco, a possibilidade de retorno e, consequentemente, a Petrobras foi deletada da lista, que inclui Gerdau, Fibra, Pactual, Televisa, Ambev, Banorte, Embraer, Cemex e Copa...